वक्त और जिंदगी।
चल रहा है अनवरत
यह चक्र है वक्त का
और चल रहा संग संग
इसी से बिल्कुल बँधकर
जिंदगी ने जिंदगी सा
जिंदगी का बुना जो तराना है।।
इस चक्र के दो पाटों के मध्य
कोई साबुत दाना न पाना है
बस धूल धूल हो जाएगा
जितना भी बुना गया
लगकर लगातार लथपथ हो
हर दिलकश जो अफसाना...
यह चक्र है वक्त का
और चल रहा संग संग
इसी से बिल्कुल बँधकर
जिंदगी ने जिंदगी सा
जिंदगी का बुना जो तराना है।।
इस चक्र के दो पाटों के मध्य
कोई साबुत दाना न पाना है
बस धूल धूल हो जाएगा
जितना भी बुना गया
लगकर लगातार लथपथ हो
हर दिलकश जो अफसाना...