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Genre of inspiration
कुछ बुझते हुए सिगारों को, फिर से सुलगाना बाकी है।
ठंडे से पड़े इस तेवर का, फिर से जल जाना बाकी है।

है उम्र यही कुछ करने की, कुछ तो कर जाना बाकी है।
आरंभ तो कर, इस मनःसमर में, फिर गुर्राना बाकी है।
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