महंगी साँसे
रूह सारे बंधन तोड़, अगर उड़ जाती है
मुमकिन है उड़ने में क्या वो टकराती हैं
भाई, बहन, शौहर, बच्चे सब होते होंगे
उनको छू के शायद चेन से जा पाती होगी
सोचो जिनको मौत अकेले आती होगी
उनकी...
मुमकिन है उड़ने में क्या वो टकराती हैं
भाई, बहन, शौहर, बच्चे सब होते होंगे
उनको छू के शायद चेन से जा पाती होगी
सोचो जिनको मौत अकेले आती होगी
उनकी...