नाविक
बहुत आसान होता है
तमन्नाओं का मचल जाना
बहक जाना बहल जाना
किसीकी चाहत में
मिट जाना
है मगर मुश्किल बहुत
दिल के अरमानों का
मंज़िल तक पहुंच पाना
संभल जाना सिमट जाना
किसीके दिल में
उतर जाना
बहुत कम हैं वो खुशकिस्मत
कि पूरी हों तमन्नाएँ
कब मंज़िल तक पहुंच पाई
हैं अरमानों की नौकाएँ
समुंदर में ही
रह जाती हैं
या फंस जाती
भंवर में ही
बहुत कम होते हैं
वो नाविक
जो साहिल तक पहुंचते हैं
© Shivani Singh
तमन्नाओं का मचल जाना
बहक जाना बहल जाना
किसीकी चाहत में
मिट जाना
है मगर मुश्किल बहुत
दिल के अरमानों का
मंज़िल तक पहुंच पाना
संभल जाना सिमट जाना
किसीके दिल में
उतर जाना
बहुत कम हैं वो खुशकिस्मत
कि पूरी हों तमन्नाएँ
कब मंज़िल तक पहुंच पाई
हैं अरमानों की नौकाएँ
समुंदर में ही
रह जाती हैं
या फंस जाती
भंवर में ही
बहुत कम होते हैं
वो नाविक
जो साहिल तक पहुंचते हैं
© Shivani Singh