वो मैं हूं.....
गुजार दिए होंगे तुमने , कई दिन, महीने, साल ...
जो काट न सकोगे वो रात हूं मैं।
की होगी गुफ्तगु ,तुमने कई दफा कई लोगों से,
दिल पर जो लगेगी वो एक बात हूं मैं।
भीड़ में जब तन्हा, खुद को तुम पाओगे,
अपनेपन का जो अहसास करा दे, वो एक साथ हूं मैं।
बिताए होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में,
जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद हूं मैं।।
जो काट न सकोगे वो रात हूं मैं।
की होगी गुफ्तगु ,तुमने कई दफा कई लोगों से,
दिल पर जो लगेगी वो एक बात हूं मैं।
भीड़ में जब तन्हा, खुद को तुम पाओगे,
अपनेपन का जो अहसास करा दे, वो एक साथ हूं मैं।
बिताए होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में,
जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद हूं मैं।।