~वो शख़्स~
वो शख्स एक अजब पहेली था
आँखों मे समंदर, चेहरे पर मासूमियत लिए था
सूरज उसे देख कर पीला पड़ता था
जिस पल झूम के वो निकलता था
उसको अपने साए से डर लगता था
सोच कर सहरा में वो तन्हा रहता था
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आँखों मे समंदर, चेहरे पर मासूमियत लिए था
सूरज उसे देख कर पीला पड़ता था
जिस पल झूम के वो निकलता था
उसको अपने साए से डर लगता था
सोच कर सहरा में वो तन्हा रहता था
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