है...?!
कभी-कभी थक जाते हैं...
कि क्या है जिंदगी
ठहर जाने को जी चाहता है
कि क्यों नहीं वो जिसे
हमनें मोहब्बत पेश किया है
वह जिसे इतनी अहमियत
दिया...
कि क्या है जिंदगी
ठहर जाने को जी चाहता है
कि क्यों नहीं वो जिसे
हमनें मोहब्बत पेश किया है
वह जिसे इतनी अहमियत
दिया...