...

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दिल की किताब
दिल की किताब में उनका दिया गुलाब था,
संभाल कर रखा था मैने उसे अपने दिल मे,
कुछ वक्त के लिए ये भूल गया था की गुलाब में कांटे भी होते हैं ,
और वो कांटे इस कदर दिल को चुभे की गुलाब तो है इस सीने में ,
पर अब दिल ना रहा इस सीने,

"अब कुछ ना रहा इस दिल की किताब मे"
WritcoPoemPrompt9
A stolen morsel more precious than gold,
A stolen shirt to keep out the cold,
There is no price to hunger,
There is no price to shelter,
There is no price to kindness
© bejuban_ajnavi