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सफ़र जिंदगी का
न किसी से आस रखते हैं न खुद को निराश करते हैं,
समास्याओं के समाधान हम खुद ही तलाश करते हैं.
चलते रहते हैं सुबह से धूप तक गमों की धूप में,
शाम होते-होते फिर हम कोई खुशी तलाश करते हैं.
अगर शिकवा करें किसी से तो शिकायत भी पायेंगे,
ढूढ़ते हैं खूबियां खुद में और खुद में कमियां तलाश करते हैं.
समास्याओं के समाधान हम खुद ही तलाश करते हैं.
चलते रहते हैं सुबह से धूप तक गमों की धूप में,
शाम होते-होते फिर हम कोई खुशी तलाश करते हैं.
अगर शिकवा करें किसी से तो शिकायत भी पायेंगे,
ढूढ़ते हैं खूबियां खुद में और खुद में कमियां तलाश करते हैं.
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