...

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तू ही मेरा ख्वाब था....
तू ही मेरा ख्वाब था,
तू ही मेरी हकीकत है।
जिसकी दिल को चाहत थी,
हाँ तू ही वो मोहब्बत है।

तुम बिन दुनिया वीरानी थी,
तू है तोह ये ज़न्नत है।
तू ही दिल की दुआ थी,
तू ही मन की मन्नत है।

तू ही मेरी आरज़ू थी,
तू ही मेरी इबादत है।
खुदा से अब और क्या मांगू मैं,
तेरा साथ उसकी सबसे बड़ी इनायत है....।


© Phulender Choudhary