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बचपन vs मशीनी दोस्त
बचपन कि यादें बड़ी खास
अकेला हूँ फुर्सत में मेरे पास
दोस्त भी थे बड़े मजेदार
हम सब करते खुरापात
बड़े हुऐ अब मशीनी युग में
इनमें नही है वो बचपन जैसी बात
झूठे है सब ये मशीनी वाले यार
मतलब के लिये करते है प्यारी बात
काम निकलते ही ये सटाक(तेज )
वो है ही नही कहीं बचपन वाली बात
अकेला हूँ फुर्सत में मेरे पास
दोस्त भी थे बड़े मजेदार
हम सब करते खुरापात
बड़े हुऐ अब मशीनी युग में
इनमें नही है वो बचपन जैसी बात
झूठे है सब ये मशीनी वाले यार
मतलब के लिये करते है प्यारी बात
काम निकलते ही ये सटाक(तेज )
वो है ही नही कहीं बचपन वाली बात
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