Waiting for You
दिन थका थका सा
और उदास सी शाम
चलती है।
जब तुमसे बात नही होती
हर लम्हा कई दिनों सा
और दिन सालों सा
रात जैसे सदियों सी
लंबी लगती है।
चेहरे पर मायूसी
झुर्रियों सी डाल देती है।
उम्र जाने सालों बढ़ जाती है।
दिल के कदम भारी भारी
चलने को मजबूर जैसे
हलक सूखता है बार बार
सुखी मिट्टी जाने
बरसों से बारिश की तलाश में हो।
कुछ उगा ही नहीं
बांझ सी जमीं जैसे।
फट पड़ी हो
कई दरारों में, बस एक पुकार
के बादल आए और
फिर महक जाऊँ मैं
सोंधी सी खुशबू आये।
फिर पनप जाए छोटा सा पौधा
तेरे प्यार की स्नेह का।
©️®️ranjitsingh, 12/06/2021,
© ranjitsingh
और उदास सी शाम
चलती है।
जब तुमसे बात नही होती
हर लम्हा कई दिनों सा
और दिन सालों सा
रात जैसे सदियों सी
लंबी लगती है।
चेहरे पर मायूसी
झुर्रियों सी डाल देती है।
उम्र जाने सालों बढ़ जाती है।
दिल के कदम भारी भारी
चलने को मजबूर जैसे
हलक सूखता है बार बार
सुखी मिट्टी जाने
बरसों से बारिश की तलाश में हो।
कुछ उगा ही नहीं
बांझ सी जमीं जैसे।
फट पड़ी हो
कई दरारों में, बस एक पुकार
के बादल आए और
फिर महक जाऊँ मैं
सोंधी सी खुशबू आये।
फिर पनप जाए छोटा सा पौधा
तेरे प्यार की स्नेह का।
©️®️ranjitsingh, 12/06/2021,
© ranjitsingh