जिंदगी...
जिंदगी...
'अजीब सी जिंदगी हो गई है
खुशियां न जाने कहां खो गई है
देखे सपने जिनके संग जीने की
करोड़ों दिन लाखो महीने की
भुला दिया उन सब अपनों ने
नाप दिया मतलब के नपनों से
किसी ने रूप तो किसी ने मेरा रंग देखा
किसी ने जेब तो किसी ने हाले तंग देखा
छोड़ा सबने साथ
चल दिए छुड़ा के हांथ
चाहे हो वह दुर्जन चाहे हो सज्जन
नहीं शिकायत अब भी तुझसे सुन मेरे हालात
एक दिन खुलेगी मेरी किस्मत बदलेगी औकात
अजीब सी जिंदगी हो गई है......
{VK SAMRAT}
'अजीब सी जिंदगी हो गई है
खुशियां न जाने कहां खो गई है
देखे सपने जिनके संग जीने की
करोड़ों दिन लाखो महीने की
भुला दिया उन सब अपनों ने
नाप दिया मतलब के नपनों से
किसी ने रूप तो किसी ने मेरा रंग देखा
किसी ने जेब तो किसी ने हाले तंग देखा
छोड़ा सबने साथ
चल दिए छुड़ा के हांथ
चाहे हो वह दुर्जन चाहे हो सज्जन
नहीं शिकायत अब भी तुझसे सुन मेरे हालात
एक दिन खुलेगी मेरी किस्मत बदलेगी औकात
अजीब सी जिंदगी हो गई है......
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