...

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तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।
जब भोर में पंछी शोर मचाते है,
भवरे फूल खिलाते हैं,
मैं छूता हु जब कलिया को,
जहन में तुम्हारे गाल उतर आते है,
और मैं ख्यालों में चला जाता हु,
तब मैं, मैं नहीं रहता, मैं तुम हो जाता हूं।

जब कभी बागो में,
में यूंही चलते जाता हूं,
टकराता...