Fernweh
समंदर ने सूरज पकड़ रखा है ,
ढल कर रुकी शाम भी सुनहरी हुई ।
शाखो के पत्ते शबनम न छोड़े ,
फिजा भी पहाड़ों की ठहरी हुईै ।
ना बरसे , गरज...
ढल कर रुकी शाम भी सुनहरी हुई ।
शाखो के पत्ते शबनम न छोड़े ,
फिजा भी पहाड़ों की ठहरी हुईै ।
ना बरसे , गरज...