जीवन या रक्त
जीवन के राह में
राह है या जीवन?
जो हमें यूँ उद्वेलित करता है
रक्त तक बहाने को
उन लोगों को जलाने को
जो समझ बैठे हैं
अपने को इस धरा का तानाशाह
जो समाज के विकास पर
कुंडली मारे बैठे हैं
नये विचार नये समाज को
जिन्होंने आने से रोक रखा है
नये कलियों को खिलने...
राह है या जीवन?
जो हमें यूँ उद्वेलित करता है
रक्त तक बहाने को
उन लोगों को जलाने को
जो समझ बैठे हैं
अपने को इस धरा का तानाशाह
जो समाज के विकास पर
कुंडली मारे बैठे हैं
नये विचार नये समाज को
जिन्होंने आने से रोक रखा है
नये कलियों को खिलने...