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दोस्ती....!
किसी ना किसी पे किसी को ऐतवार हो जाता है,
अजनबी कोई शख्स यार हो जाता है,
खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा,
खामियों से भी प्यार हो जाता है....
किन लफ्जों में इतनी कड़वी कसैली बात लिखूं,
मैं सच लिखूं कि अपनी हालत लिखूं,
कैसे लिखूं मैं चांदनी रातें ,
जब गर्मी हो रेत तो कैसे मैं बरसात लिखूं....
सभी नग्मे साज में गाए नहीं जाते,
सभी लोग महफ़िल में बुलाए नहीं जाते,
कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते,
कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते....!!
balram barik 🥀🥀
👰
अजनबी कोई शख्स यार हो जाता है,
खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा,
खामियों से भी प्यार हो जाता है....
किन लफ्जों में इतनी कड़वी कसैली बात लिखूं,
मैं सच लिखूं कि अपनी हालत लिखूं,
कैसे लिखूं मैं चांदनी रातें ,
जब गर्मी हो रेत तो कैसे मैं बरसात लिखूं....
सभी नग्मे साज में गाए नहीं जाते,
सभी लोग महफ़िल में बुलाए नहीं जाते,
कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते,
कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते....!!
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