...

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शिकायत
तुम जो यूं बिना कुछ कहे चले जाते हो,,,
सच कहूं दिल को बड़ा रुलाते हो,,,,
खामोश नजरो से जब मुझे निहारते हो,,,
सच कहूं तिरो की तरह चुभ से जाते हो,,,
माना की कुछ भूल हम कर देते है,,,
मगर तुम प्यार से क्यूं नहीं समझाते हो,,,
माना मेरा दिल छोटा ही सही,,,
मगर तुम क्यू बड़प्पन नही दिखाते हो,,,
गीला शिकवा तुम्हे लाख मुझसे हो,,,
मगर यूं खामोश होना मुझे नहीं गवारा एक पल भी,,,
जो भी हो जैसा भी हो हमारा रिश्ता ऐसा तो नहीं,,,
कि कुछ तकरार में ही टूट जाए।।।
कुछ मैं समझू कुछ तुम समझो,,,,
बस ऐसे ही हंसते मुस्कुराते हमारा रिश्ता संवर जाए।।।