...

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मेरे घर राम आए हैं..!
न शब्द मिले, ना कलम चली,
मन के भाव आंखों में उतर आए हैं ,
बरसों की तपस्या के बाद में ,
जब , "मेरे घर राम आए हैं..!! 🙏

मन मोहिनी वह सूरत प्यारी,
जनक दुलारी संग लक्ष्मण लाए हैं,
प्रतीक्षा का पल पल युग सा बीता,
देखो," मेरे घर राम आए हैं"..!! 🙏

मेरे मन की नगरी हुई अयोध्या ,
बैठे प्रभु हृदय में राम दरबार लगाए हैं,
जब चाहूं तब निहारूं अंखियों से,
आज," मेरे घर राम आए हैं "..!! 🙏

हर्षित, पुलकित हो नाचे नर नारी ,
ढोल, बाजे, नगाड़े भी बजाए हैं ,
खत्म हुआ ये शबरी सा सबर ,
देखो," मेरे घर राम आए हैं"..!! 🙏

लेखक#shobhavyas
#writco
#writcopoem