यादें
यादें समेटने की बात करते थे,
और अब देखो बस यादें ही तो रह गई हैं,
तुम नही हो फिर भी तुम्हारे लब्ज़ गूंजते हैं,
सही_ गलत से परे वो बाते, वो लम्हें
अब भी हवाओं में घुली, हर पल चुभते हैं,
बंद कर दिए थे रास्ते
तुम्हारे_ मेरे बीच के मैने,...
और अब देखो बस यादें ही तो रह गई हैं,
तुम नही हो फिर भी तुम्हारे लब्ज़ गूंजते हैं,
सही_ गलत से परे वो बाते, वो लम्हें
अब भी हवाओं में घुली, हर पल चुभते हैं,
बंद कर दिए थे रास्ते
तुम्हारे_ मेरे बीच के मैने,...