...

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चाहत ना हुई🫀
जाते समय एक बार मिलना जरूरी था|
एक आखिरी बार तुम्हारे चेहरे की मुस्कान याद रख पाते हम,
आखिरी बार तुम्हारे होठों का वो रंग,
एक बार तुम्हारी आंखों के नशे में डूब जाते हैं हम|
और ये पहली बार था,
कि तुम्हें शायद रोते देख कुछ ना कर पाते हम.
तुम अकेले में हम को ना बता कर कितना दर्द ले बैठे थे,
अपने उस दिल में जो कभी हमारा हुआ करता था|
और हम भी हमारे दिल में बहुत से राज़ रख बैठे थे तुम्हारी खुमारी में |
इश्क ऐसा किया था कि दूसरी बार करने की हिम्मत नहीं हुई|
आपकी यादों को गले लगा लिया था बस इसलिये फिर इश्क करने की चाहत ना हुई|

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