...

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नारी
रूह कांप उठे
ऐसी दास्तान हूँ
नियमों के चंगुल में
जन्म से ही गिरफ्तार हूँ
समझोता करो , सब कुछ सहो
और बस यूँ ही चुप रहो
ऐसी उम्मीदो की शिकार हूँ
हाँ मै नारी जात हूँ !

© Pummy Singh