अंधेरा
बस इतनी सहूल्यत दे तू मुझे।
गुमनाम अंधेरों मे चुप चाप ही खो जाऊं।
इतनी जरूरत बस दे तू मुझे।
तेरे बगैर ना जिंदा मैं जी पाऊं।
सिफारिश करता रहूं मैं रूह की।
तेरी उलझी...
गुमनाम अंधेरों मे चुप चाप ही खो जाऊं।
इतनी जरूरत बस दे तू मुझे।
तेरे बगैर ना जिंदा मैं जी पाऊं।
सिफारिश करता रहूं मैं रूह की।
तेरी उलझी...