तो तू मुझे नहीं जानता?
होना चाहिए " से " होता क्यों नहीं "
"तु जानता है कौन हूँ मैं?"
" तूने.....का नाम नहीं सुना हुआ क्या? यह ले "
( चित्कार की आवाज़)
इन वाक्य मे हमारा पुलिस और सिस्टम समाया हुआ है,यह वाक्य अपराधी को एक लाइसेंस देते हैं,कोई भी अपराध करने का,जैसे
गलत पार्किंग ,ज्यादा स्पीड,
कई अपराध,रेप,यहाँ तक कि मर्डर भी।
हमारा फ्लाने अफसर या नेता से रिश्ता हमे छूट...
"तु जानता है कौन हूँ मैं?"
" तूने.....का नाम नहीं सुना हुआ क्या? यह ले "
( चित्कार की आवाज़)
इन वाक्य मे हमारा पुलिस और सिस्टम समाया हुआ है,यह वाक्य अपराधी को एक लाइसेंस देते हैं,कोई भी अपराध करने का,जैसे
गलत पार्किंग ,ज्यादा स्पीड,
कई अपराध,रेप,यहाँ तक कि मर्डर भी।
हमारा फ्लाने अफसर या नेता से रिश्ता हमे छूट...