शाम - ए -ज़िंदगी
अक्सर और उदास कर जाती है मेरी जिंदगी़ की वो हर शाम मुझे,
जिसमें तेरी आरज़ू और मेरी तन्हाई का सौदा मेरी दीवानगी से होता है,
اکثر اور اُداس کر جاتی ہے میری زندگی کی و شام مجھے
جیسمین تیری آرزو اور میری تنہائی کا سودا میری دیوانگی سے ہوتا ہے
गुज़र ही जायेगी ये तमाम उम्र वीरानियों की हद से निकलते हुए,...
जिसमें तेरी आरज़ू और मेरी तन्हाई का सौदा मेरी दीवानगी से होता है,
اکثر اور اُداس کر جاتی ہے میری زندگی کی و شام مجھے
جیسمین تیری آرزو اور میری تنہائی کا سودا میری دیوانگی سے ہوتا ہے
गुज़र ही जायेगी ये तमाम उम्र वीरानियों की हद से निकलते हुए,...