तकलीफ होती है तुम हंस कर आया कर
तकलीफ होती है
तुम हंस कर आया कर
इस चमन को
खुशियों से महाकाय कर
रोशन होगी सितारे
गांव की हवा में जाया कर
शहर की मिट्टी को छोड़
दादा दादी के पास बैठ जाया कर
मनुहाल बसे हैं ऐसा लगता है
कभी तो कुछ फरमाया कर
जानूं जानी जान
प्यार से दो आवाज लगाया कर
दिल के सुनते हैं
फिर भी तुम सताया कर
आंखों से नहीं
आवाज लगा कर बुलाया कर
मधु रस पीना है ...
तुम हंस कर आया कर
इस चमन को
खुशियों से महाकाय कर
रोशन होगी सितारे
गांव की हवा में जाया कर
शहर की मिट्टी को छोड़
दादा दादी के पास बैठ जाया कर
मनुहाल बसे हैं ऐसा लगता है
कभी तो कुछ फरमाया कर
जानूं जानी जान
प्यार से दो आवाज लगाया कर
दिल के सुनते हैं
फिर भी तुम सताया कर
आंखों से नहीं
आवाज लगा कर बुलाया कर
मधु रस पीना है ...