सोच सब पर भारी
तेज धूप
दो पल का आराम छाओ
रुकूँ या चलू
सब पर सोच भारी
दूर कहीं मंज़िल
कुछ बिछड़े
कुछ मिलेंगे
किस के साथ चलू
सोच सब पर भारी
जो छूट गये वो...
दो पल का आराम छाओ
रुकूँ या चलू
सब पर सोच भारी
दूर कहीं मंज़िल
कुछ बिछड़े
कुछ मिलेंगे
किस के साथ चलू
सोच सब पर भारी
जो छूट गये वो...