सावन
झम-झम बरसे बादल पागल,
घुमर-घुमर के आये सावन।
पीहू बोले, नाचे मोर
नाचे मन इस उपवन।
प्यार के मौसम में,
बहते पवन के मद्धम तरंग में,
प्रकृति करे सोलह श्रृंगार,
मानो, आया है संदेशा साजन...
घुमर-घुमर के आये सावन।
पीहू बोले, नाचे मोर
नाचे मन इस उपवन।
प्यार के मौसम में,
बहते पवन के मद्धम तरंग में,
प्रकृति करे सोलह श्रृंगार,
मानो, आया है संदेशा साजन...