नज़ारे खेतों के..
क्या नजारा था वो... सुकून कहूं उसे
बारिश से महकी मिट्टी थी..
हरी चादर सी फैलीं धरती थी
था पक्षियों का संगीत वहां..
शांति की परिभाषा थी
धीमी धीमी सी वायु थी..
अधखुली आंखों...
बारिश से महकी मिट्टी थी..
हरी चादर सी फैलीं धरती थी
था पक्षियों का संगीत वहां..
शांति की परिभाषा थी
धीमी धीमी सी वायु थी..
अधखुली आंखों...