शब्द ही ज़रूरी नहीं
Pic Credit - Eve
देखा
छाता यही
दोस्त भूल गयी
जमीन पर रखकर
छाता खोला
और चल पड़ा बाजार
परवाह नहीं की बारिश की भी
बस था एक ही ध्येय
दोस्त को छाता देना...
देखा
छाता यही
दोस्त भूल गयी
जमीन पर रखकर
छाता खोला
और चल पड़ा बाजार
परवाह नहीं की बारिश की भी
बस था एक ही ध्येय
दोस्त को छाता देना...