...

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शब्द ही ज़रूरी नहीं
Pic Credit - Eve

देखा
छाता यही
दोस्त भूल गयी
जमीन पर रखकर
छाता खोला
और चल पड़ा बाजार
परवाह नहीं की बारिश की भी
बस था एक ही ध्येय
दोस्त को छाता देना है
आयी कई मुश्किलें
पर हौसलों को नहीं तोड़ पायी
फिर पहुंचकर छाता दिया
बारिश भी कम होने लगी
ये देखकर खुश हुई
की मेरे लिए
इतनी बारिश मे भी छाता लेकर आया
सामान लेने के बाद दोनों साथ ही चल पड़े

© ©मैं और मेरे अहसास