मुंह छुपाती रही...
पहली बार हुआ अहसास मुहब्बत का
तुमसे मिलकर !
किसी नन्हे बच्चे सी मैं इठलाती रही।।।
मेरी खशी का उन दिनों
तुझे ही हकदार सब को मैं बताती रही ।।।
अचानक देख बदलाव तुझमें
लगा तू...
तुमसे मिलकर !
किसी नन्हे बच्चे सी मैं इठलाती रही।।।
मेरी खशी का उन दिनों
तुझे ही हकदार सब को मैं बताती रही ।।।
अचानक देख बदलाव तुझमें
लगा तू...