...

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##सांझ##
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
वक्त हाथों से फिसला है,
तेरे कर्तव्य ही तेरी पहचान है,
तेरा संघर्ष तेरा अभिमान है,
कैसे कह दिया तू कुछ नही,
उस ईश्वर का दिया हुआ वरदान है,


© ❣️labbu.💕