काफ़ी था
बहुत कुछ अनकहा रह गया
जुबां से लब्ज न कहा
तुमने आँखों से पुकारा
काफ़ी था,
उम्र दीदार करते गुजरे
बस तसव्वुर ही रहा
नजर भर मुड़ गए जाते-जाते नजारा
काफ़ी था,
तुम्हारी बढ़ी सी दुनिया की
कोई ख़ास हकीकत तो नहीं मैं
तर जाने की कीमत देकर भी मिला किनारा
काफ़ी था,
अब शायद किसी और का आंगन
सजा होगा तेरे होने से
मगर कुछ रोज़ ही सही
तुमने खुद को मेरे लिए संवारा
काफ़ी था,
कहा तो नहीं तुमने कि
ख़याल करना खुद का
मगर समझ गया मै बस इशारा
काफ़ी था,
दवा पूछते हैं सब
दर्दे मुहब्ब्त की
मुखड़ा दिख गया था तुम्हारा
काफ़ी था,
शुक्र है कि यह रोग
तुम तक न गया
इस जनम में मिला दर्द हमारा
काफ़ी था ......
© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
जुबां से लब्ज न कहा
तुमने आँखों से पुकारा
काफ़ी था,
उम्र दीदार करते गुजरे
बस तसव्वुर ही रहा
नजर भर मुड़ गए जाते-जाते नजारा
काफ़ी था,
तुम्हारी बढ़ी सी दुनिया की
कोई ख़ास हकीकत तो नहीं मैं
तर जाने की कीमत देकर भी मिला किनारा
काफ़ी था,
अब शायद किसी और का आंगन
सजा होगा तेरे होने से
मगर कुछ रोज़ ही सही
तुमने खुद को मेरे लिए संवारा
काफ़ी था,
कहा तो नहीं तुमने कि
ख़याल करना खुद का
मगर समझ गया मै बस इशारा
काफ़ी था,
दवा पूछते हैं सब
दर्दे मुहब्ब्त की
मुखड़ा दिख गया था तुम्हारा
काफ़ी था,
शुक्र है कि यह रोग
तुम तक न गया
इस जनम में मिला दर्द हमारा
काफ़ी था ......
© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
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