तुझमे मुझमें बिरसा समाया
ए जंगली झाड़ियों!
खत्म हो गया तेरा सपूत आज
खून की होली खेलते खेलते हैं
जहर दे दिया उसे आज
ना वह तड़पाना छटपटाया
बस मा मा कहकर बुलाया
तेरी झाड़ियों के कांटो की
सेज बना तू उसे सुला
उसके गांडीव को चीर डाल तू
मशाल बना तू उसे जला
उस मशाल को लिए हाथ चल
उसका जंगल-जंगल नाम पुकार
हरे...
खत्म हो गया तेरा सपूत आज
खून की होली खेलते खेलते हैं
जहर दे दिया उसे आज
ना वह तड़पाना छटपटाया
बस मा मा कहकर बुलाया
तेरी झाड़ियों के कांटो की
सेज बना तू उसे सुला
उसके गांडीव को चीर डाल तू
मशाल बना तू उसे जला
उस मशाल को लिए हाथ चल
उसका जंगल-जंगल नाम पुकार
हरे...