गुमराह जिंदगी
किलकारियाँ गुँजी थी जब,
संगीत बन के आँगन में |
मदहोश हो गए थे सब,
कमरबंद की रुनझून में |
जब पहली पुकार उसकी,
संसार को समेट लिया |
माँ वो अदभुत शब्द है,
जो था दिलों को जीत लिया |
जब पिता की गोद में,
जा बैठा था वो कलम लिए |
उस वक्त पिता ने स्वप्न में,
क्या क्या उसे बना लिया |
घर छोड़ कर...
संगीत बन के आँगन में |
मदहोश हो गए थे सब,
कमरबंद की रुनझून में |
जब पहली पुकार उसकी,
संसार को समेट लिया |
माँ वो अदभुत शब्द है,
जो था दिलों को जीत लिया |
जब पिता की गोद में,
जा बैठा था वो कलम लिए |
उस वक्त पिता ने स्वप्न में,
क्या क्या उसे बना लिया |
घर छोड़ कर...