तुम क्या हो मेरे लिए -१
जैसे बिना मौसम की बारिश, जो छूकर भी छू नहीं पाती है।
जैसे सूखी धरती, जो बरसात की राह देखती जाती है।
जैसे शांत झील की गहराई में छुपा कोई सपना, ...
जैसे सूखी धरती, जो बरसात की राह देखती जाती है।
जैसे शांत झील की गहराई में छुपा कोई सपना, ...