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एक लड़की जो आस बन गई
#shadowpoems #shadow
कभी खिलखिलाती, कभी शर्माती
वो एक लड़की मुझे खूब हसाती
कभी देखती गुस्से से
कभी अपनी नजरों से ही समझाती
नूर उसका सबसे अलग था
गुस्ताख बना दे ऐसा उसके अश्कों का कश था
दिल में दबाएं बात हजार खुद की
वो एक लड़की जो पलके बिछाए किसी को ढूंढती
चाहा उसे वो एक मेरी नादानी थी
वो लड़की तो खुद में ही बड़ी बेमानी थी
उसे चाहने की सोच अब एक राज बन गई
वो एक लड़की जो अब आस बन गई..........
© shadow
कभी खिलखिलाती, कभी शर्माती
वो एक लड़की मुझे खूब हसाती
कभी देखती गुस्से से
कभी अपनी नजरों से ही समझाती
नूर उसका सबसे अलग था
गुस्ताख बना दे ऐसा उसके अश्कों का कश था
दिल में दबाएं बात हजार खुद की
वो एक लड़की जो पलके बिछाए किसी को ढूंढती
चाहा उसे वो एक मेरी नादानी थी
वो लड़की तो खुद में ही बड़ी बेमानी थी
उसे चाहने की सोच अब एक राज बन गई
वो एक लड़की जो अब आस बन गई..........
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