![...](https://api.writco.in/assets/images/post/user/poem/957230126111054370.webp)
9 views
बनावटी दोस्त
मैं हर रिश्ता दिल से निभाती हूँ
बस यही गल्ती हर बार दोहराती हूँ
लोग मतलबी हैं समझ नहीं पाती हूँ
हर बार खुद के ही दिल को ठेस पहुंचाती हूँ
रिश्ता झूठ से नहीं सच्चाई से निभता हैं
दोस्ती खून का नहीं दिल का रिश्ता हैं
नहीं चाहिए वो बनावटी दोस्त जो फ़ायदा उठाते हैं
पीठ पीछे जो खंजर घोप जाते हैं
नकली दोस्तो से तो सांप भले हैं
कम से कम वो इनसे कम जहरीले हैं
असली नकली में फ़र्क करना जान लो
इनके असली रंग तुम वक्त रहते पहचान लो
दिल को अपने प्यार से समझाना होगा
इन मतलबी यारो से रिश्ता तुम्हें मिटाना होगा
© nehakewords
बस यही गल्ती हर बार दोहराती हूँ
लोग मतलबी हैं समझ नहीं पाती हूँ
हर बार खुद के ही दिल को ठेस पहुंचाती हूँ
रिश्ता झूठ से नहीं सच्चाई से निभता हैं
दोस्ती खून का नहीं दिल का रिश्ता हैं
नहीं चाहिए वो बनावटी दोस्त जो फ़ायदा उठाते हैं
पीठ पीछे जो खंजर घोप जाते हैं
नकली दोस्तो से तो सांप भले हैं
कम से कम वो इनसे कम जहरीले हैं
असली नकली में फ़र्क करना जान लो
इनके असली रंग तुम वक्त रहते पहचान लो
दिल को अपने प्यार से समझाना होगा
इन मतलबी यारो से रिश्ता तुम्हें मिटाना होगा
© nehakewords
Related Stories
9 Likes
3
Comments
9 Likes
3
Comments