...

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बनावटी दोस्त
मैं हर रिश्ता दिल से निभाती हूँ
बस यही गल्ती हर बार दोहराती हूँ

लोग मतलबी हैं समझ नहीं पाती हूँ
हर बार खुद के ही दिल को ठेस पहुंचाती हूँ

रिश्ता झूठ से नहीं सच्चाई से निभता हैं
दोस्ती खून का नहीं दिल का रिश्ता हैं

नहीं चाहिए वो बनावटी दोस्त जो फ़ायदा उठाते हैं
पीठ पीछे जो खंजर घोप जाते हैं

नकली दोस्तो से तो सांप भले हैं
कम से कम वो इनसे कम जहरीले हैं

असली नकली में फ़र्क करना जान लो
इनके असली रंग तुम वक्त रहते पहचान लो

दिल को अपने प्यार से समझाना होगा
इन मतलबी यारो से रिश्ता तुम्हें मिटाना होगा
© nehakewords