हंगाम गुजर रहे हैं और यूही उम्र घट रही
मसलन नही हैं यूही
खुशिया मेरी नदारद
वक्त कीं उदासी हैं यें
किश्तो में बट रही
खस्ताहाल जबसे हैं
जेबे हुई हैं खाली
सरहदे आसपास हैं ...
खुशिया मेरी नदारद
वक्त कीं उदासी हैं यें
किश्तो में बट रही
खस्ताहाल जबसे हैं
जेबे हुई हैं खाली
सरहदे आसपास हैं ...