गजल -२
अपने जज्बातो को दबाए रखना...
गजल बना उसे महफिलो में न कहना...
ये जमाना है बेशरम बखुदा ....
इसके दिए इल्जाम न सहना....
तलबगारों की जो आँधी...
गजल बना उसे महफिलो में न कहना...
ये जमाना है बेशरम बखुदा ....
इसके दिए इल्जाम न सहना....
तलबगारों की जो आँधी...