वक़्त वक़्त की बात
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
सब वक़्त वक़्त की बात है,
वक़्त ने किसी का इंतज़ार नहीं किया।
जो बीत गया उसका ग़म क्या
आने वाला कल अच्छा ही होगा,
जाने दो जो बीत गया उसका इंतजार क्या।
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
सब वक़्त वक़्त की बात है,
वक़्त ने किसी का इंतज़ार नहीं किया।
जो बीत गया उसका ग़म क्या
आने वाला कल अच्छा ही होगा,
जाने दो जो बीत गया उसका इंतजार क्या।