...

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गुरु पूर्णिमा
ब्रह्म भये सदाचारी..... विष्णु पालनहार......
भोले भंडारी महेश्वरा..... गुरु त्रिकाल रूप तुम्हार....
लेन देंन की भाव नहीं...... निर्मल सा बर्ताव .....
चलत अहिंसा राह पर..... सतगुरु सरल सवभाव.....
गुरु रूप...... गुरु वाणी..... पूजत है संसार.....
सरल स्भावी..... परम ज्ञानी मनात है गुरु सार.....
गुरु रुपे परमेश्वरा जाने तुमरी रीत....
याद करत गुरुवे वाणी गावत है सब गीत....