प्रेम!
जब एक ही चेहरे पे,
आप ठहर जाओ
तो, समझ जाओ,ये प्रेम है
जब किसी की हर चीज में
आपकी हाँ हो
तो,
समझ जाओ,ये प्रेम है
माना प्रेम होता दो तरफा है
मगर, तुम किसी से नजरें झुकाने लगो
तो,
समझ जाओ, ये प्रेम है
महफिल में कोई चुप है तुम्हारे
आने से
और, वो अब तुम्हे ही सुन रहा है
तो समझ जाओ, ये प्रेम है
हा यही प्रेम है !
© rinku005
आप ठहर जाओ
तो, समझ जाओ,ये प्रेम है
जब किसी की हर चीज में
आपकी हाँ हो
तो,
समझ जाओ,ये प्रेम है
माना प्रेम होता दो तरफा है
मगर, तुम किसी से नजरें झुकाने लगो
तो,
समझ जाओ, ये प्रेम है
महफिल में कोई चुप है तुम्हारे
आने से
और, वो अब तुम्हे ही सुन रहा है
तो समझ जाओ, ये प्रेम है
हा यही प्रेम है !
© rinku005