"तुम्हारी यादें और मेरी शिकायत"
© Shivani Srivastava
इक शिकायत है तुमसे, सुनना चाहो तो सुन लो इक बार..
अब तो ख़ामोश हूं मैं, नहीं कर रही हूं भावों का इज़हार।
अब तो नहीं करना पड़ता तुम्हें समय देने के लिए विचार..
ना ही मैं कहती हूं कि तुम्हारे बोलने का भी किया इंतज़ार।
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