लम्हा
तू ही है वो लम्हा
बन्धा है जिस पर समा
इंतज़ार है बस तेरा
दीदार-ए-जुस्तजू है...
बन्धा है जिस पर समा
इंतज़ार है बस तेरा
दीदार-ए-जुस्तजू है...