पहली मुलाक़ात
एक बात बताऊँ, राज़ की बात है...
आज सवरने दो मुझे, आज मेरी पहली मुलाक़ात है...
होंगे आज रूबरू पहली बार, आज बड़े बेशबरी से मुझे मेरी नींद का इंतज़ार है...
वादा किया है मिलने का सपनो मैं, तो मिलना तो पक्का है...
अगर ना मिल सका आज तो समझ लूंगा की मेरा इश्क़ कच्चा है...
ना समझ है दिल बोहोत, हो भी क्यों ना ये अभी बच्चा है...
अच्छा वो भी क्या मुझसे मिलने सज सवार के आएंगे...
आ कर सपने मैं मेरे क्या अपने पैरो की पायल खनकाएंगे...
अच्छा सामने मैं उनका दीदार कैसा होगा...
मेरी मानो तो सायद चाँद जैसा होगा...
या चाँद भी शर्मा...
आज सवरने दो मुझे, आज मेरी पहली मुलाक़ात है...
होंगे आज रूबरू पहली बार, आज बड़े बेशबरी से मुझे मेरी नींद का इंतज़ार है...
वादा किया है मिलने का सपनो मैं, तो मिलना तो पक्का है...
अगर ना मिल सका आज तो समझ लूंगा की मेरा इश्क़ कच्चा है...
ना समझ है दिल बोहोत, हो भी क्यों ना ये अभी बच्चा है...
अच्छा वो भी क्या मुझसे मिलने सज सवार के आएंगे...
आ कर सपने मैं मेरे क्या अपने पैरो की पायल खनकाएंगे...
अच्छा सामने मैं उनका दीदार कैसा होगा...
मेरी मानो तो सायद चाँद जैसा होगा...
या चाँद भी शर्मा...