...

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नहीं देखा (ग़ज़ल)
निगाहों सा पैना, धारीदार, कंटीला औजार नहीं देखा।
देखा हुस्न उसका जो, दुबारा आईना नहीं देखा।

कतल हुआ इंसान मुर्दा देखा, ज़िंदा नहीं देखा,
जीने की वजह को मेरे, फरिश्ता नहीं देखा।

जहान देखा चांद सितारों का, फलक तुझ सा नहीं...