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मेरे पहचान - पापा
पापा ही तो मेरे पहचान है,मेरे सम्मान है।
पापा ही तो मेरे भगवान है,मेरे आराध्य है।
पापा ही तो बहुमूल्य है,अनमोल है।
पापा ही तो मेरे घर के नूर है,उनमें ही तो हुनुर है।
पापा ही तो मेरे भाग्य विधाता है, दाता है।
पापा ही तो मेरे अतुल्य है,अद्वितीय है।
पापा का सम्मान है करना।
कभी न है अपमान करना।
सुख की छाव में है रखना।
दुख की परछाई नहीं देना है पड़ने।
पापा के बिना अधूरा है सपना।
क्या जीना क्या मरना।
ज़िंदगी में है नेक काम करना।
इनका है सम्मान करना।
दुनिया में है मान बढ़ाना।
पापा ही तो मेरे भगवान है,मेरे आराध्य है।
पापा ही तो बहुमूल्य है,अनमोल है।
पापा ही तो मेरे घर के नूर है,उनमें ही तो हुनुर है।
पापा ही तो मेरे भाग्य विधाता है, दाता है।
पापा ही तो मेरे अतुल्य है,अद्वितीय है।
पापा का सम्मान है करना।
कभी न है अपमान करना।
सुख की छाव में है रखना।
दुख की परछाई नहीं देना है पड़ने।
पापा के बिना अधूरा है सपना।
क्या जीना क्या मरना।
ज़िंदगी में है नेक काम करना।
इनका है सम्मान करना।
दुनिया में है मान बढ़ाना।
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