बेनाम चाहत..! ❤️
हम रोज उदास बैठते हैं...,
तुम्हारी याद आते ही मुस्कुराते हैं,
सुबह भी जैसे चमकती हो मोती सी...,
ठहरे है जैसे अल्फाज जुबा पे...,
क्या निगाहों से बया करू...
तुम्हारी याद आते ही मुस्कुराते हैं,
सुबह भी जैसे चमकती हो मोती सी...,
ठहरे है जैसे अल्फाज जुबा पे...,
क्या निगाहों से बया करू...