तुम्हे वो मिलता नहीं।
तुम्हें वो नही मिलता
जो तुम चाहते हो।
तुम्हे कुछ भी नही मिलता
तुम उसे क्यों चाहते हों।
तुम्हे वही मिलता हैं।
जो तुम नहीं चाहते हो।
जो तुम चाहते हों।
वो अक्सर किसी ओर के
हिस्से में लिखा होता है।
तुम्हे तो वही मिलता हैं।
जिसकी कोई कभी
उम्मीद हमे नही होती हों।
🌹🌹
जाने कैसा खेल हैं ये किस्मत का।
जिसे हम चाहते है वो होता नहीं हमारा।
जो हमारा होता है उसे हम नही चाहते हैं।
जिसकी उम्मीद नहीं होती।...
जो तुम चाहते हो।
तुम्हे कुछ भी नही मिलता
तुम उसे क्यों चाहते हों।
तुम्हे वही मिलता हैं।
जो तुम नहीं चाहते हो।
जो तुम चाहते हों।
वो अक्सर किसी ओर के
हिस्से में लिखा होता है।
तुम्हे तो वही मिलता हैं।
जिसकी कोई कभी
उम्मीद हमे नही होती हों।
🌹🌹
जाने कैसा खेल हैं ये किस्मत का।
जिसे हम चाहते है वो होता नहीं हमारा।
जो हमारा होता है उसे हम नही चाहते हैं।
जिसकी उम्मीद नहीं होती।...